
![]() |
@priyanshuverma | |
एक लङकी एक लङके के साथ बैठी थी, दूसरे दिन दूसरे लङके के साथ बैठी थी, तीसरे दिन तीसरे लङके के साथ बैठी थी, इस कहानी से तुम्हें क्या शिक्षा मिलती है, लङके बदल जाते हैं पर लङकियाँ नहीं। |
||
0
Replies
270
Views
1 Bookmarks
|


