JetBits |
! You are not logged in to JetBits. Please register or login.
* Hindi-Kahaniyan > Forum
aftabali
सर्दियों के दिन थे, अकबर का
दरबार लगा हुआ था। तभी फारस के
राजा का भेजा एक दूत दरबार में
उपस्थित हुआ।
राजा को नीचा दिखाने के लिए
फारस के राजा ने मोम से बना शेर का
एक पुतला बनवाया था और उसे पिंजरे
में बंद कर के दूत के हाथों अकबर को
भिजवाया, और उन्हे चुनौती दी की
इस शेर को पिंजरा खोले बिना बाहर
निकाल कर दिखाएं।
बीरबल की अनुपस्थिति के कारण
अकबर सोच पड़ गए की अब इस
समस्या को कैसे सुलझाया जाए।
अकबर ने सोचा कि अगर दी हुई
चुनौती पार नहीं की गयी तो जग
हसायी होगी। इतने में ही परम चतुर,
ज्ञान गुणवान बीरबल आ गए। और
उन्होने मामला हाथ में ले लिया।
बीरबल ने एक गरम सरिया मंगवाया
और पिंजरे में कैद मोम के शेर को
पिंजरे में ही पिघला डाला। देखते-
देखते मोम पिघल कर बाहर निकल
गया ।
अकबर अपने सलाहकार बीरबल की
इस चतुराई से काफी प्रसन्न हुए
और फारस के राजा ने फिर कभी
अकबर को चुनौती नहीं दी।
Moral: बुद्धि के बल पर बड़ी से बड़ी
समस्या का हल निकाला जा सकता
है.
0 Replies 224 Views 1 Bookmarks
topics posts

* Hindi-Kahaniyan Forum
fav Bookmarks

* Hindi-Kahaniyan